22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। इस कायराना हमले में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति देशभर में संवेदना जताई जा रही है और इसके खिलाफ सख्त कदमों की मांग भी तेज हो गई है। इस घटनाक्रम पर अब खेल जगत से भी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं, खासकर क्रिकेट जगत से। भारत के पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर और विराट कोहली के करीबी दोस्त श्रीवत्स गोस्वामी ने इस आतंकवादी हमले पर गहरा रोष व्यक्त किया है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि भारत को अब पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का क्रिकेट संबंध समाप्त कर देना चाहिए। यह बयान ना सिर्फ भावनाओं का प्रतीक है, बल्कि देश के बड़े वर्ग की सोच का प्रतिनिधित्व करता है।

“क्रिकेट नहीं, देश पहले”—श्रीवत्स का कड़ा संदेश
श्रीवत्स गोस्वामी, जो 2008 की अंडर-19 विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा रहे हैं और जिनके कप्तान विराट कोहली थे, ने इस मुद्दे पर भावुक होते हुए अपने ब्लॉग पर एक लंबा पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा,
“आप पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेल सकते। अभी नहीं, कभी नहीं।”
उनका कहना है कि जब पाकिस्तान निर्दोष नागरिकों की जान लेने जैसे अमानवीय कृत्य करता है, तब उसके साथ खेल को अलग रखना व्यर्थ है।
उनकी राय है कि पाकिस्तान को केवल ‘बल्ले और गेंद’ से नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प, गरिमा और ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति से जवाब देना चाहिए।
श्रीवत्स का यह गुस्सा सिर्फ एक खिलाड़ी का नहीं है, बल्कि उन लाखों भारतीयों का है जो हर आतंकी हमले के बाद न्याय और जवाब की उम्मीद करते हैं। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है और फैंस के बीच भी समर्थन पा रहा है।
ENOUGH!!!! pic.twitter.com/1fF6XUhgng
— Shreevats goswami (@shreevats1) April 22, 2025
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंध: अब भी दूर की कौड़ी
भारत और पाकिस्तान के बीच 2008 के बाद से कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज़ नहीं हुई है। दोनों टीमें केवल एशिया कप और आईसीसी इवेंट्स में ही आमने-सामने होती हैं। इस दूरी की बड़ी वजह पाकिस्तान की लगातार आतंकवाद को प्रश्रय देने वाली नीतियां रही हैं।
हाल ही में भारत ने पाकिस्तान में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी में भी भाग लेने से इनकार कर दिया था। इसके चलते टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में करवाया गया। यह निर्णय भी भारत की दृढ़ राजनीतिक और कूटनीतिक सोच का संकेत था।
कड़ा रुख ही है समाधान
श्रीवत्स गोस्वामी का यह बयान बताता है कि अब सिर्फ संवेदना नहीं, बल्कि कड़े फैसलों की जरूरत है। क्रिकेट जैसे खेल, जो लोगों को जोड़ने का माध्यम माना जाता है, अब राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वाभिमान के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते।
कई खिलाड़ियों और विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक पाकिस्तान आतंक को प्रश्रय देना बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ किसी भी मंच पर खेलना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।
श्रीवत्स की यह प्रतिक्रिया सिर्फ एक भावुक पल नहीं, बल्कि एक खिलाड़ी की राष्ट्रभक्ति और सजगता की मिसाल है।