भारतीय क्रिकेट टीम के वरिष्ठ कप्तान रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट में भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, खासकर ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद जब उन्होंने आखिरी टेस्ट मुकाबले से खुद को बाहर कर लिया। इस फैसले के बाद उनके कमिटमेंट और नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने रोहित को सीधे शब्दों में यह संदेश दिया है कि अगर वे भारतीय क्रिकेट को आगे भी अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, तो उन्हें ‘आराम’ की मानसिकता छोड़नी होगी।
रोहित शर्मा ने खुद पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह टेस्ट फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे। हालांकि, उनके हालिया प्रदर्शन ने आलोचकों को बोलने का भरपूर मौका दिया है। विशेषकर बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली टेस्ट सीरीज में उनका बल्ला खामोश रहा, जिससे उनके नेतृत्व पर भी प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। ऐसे में, स्टीव वॉ की टिप्पणी इस बहस में एक नया मोड़ लेकर आई है।

स्टीव वॉ ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “यह पूरी तरह से रोहित पर निर्भर है। उन्हें खुद से यह पूछना चाहिए – क्या मैं अब भी भारत की कप्तानी के लिए समर्पित हूं? क्या मैं अपना 100 फीसदी दे रहा हूं? उन्हें खुद को आईने में देखकर यह फैसला लेना होगा।” वॉ ने यह भी जोड़ा कि किसी भी खिलाड़ी को खुद में संतुष्टि या आराम की भावना नहीं आने देनी चाहिए, खासकर जब वह देश का नेतृत्व कर रहा हो।
भारतीय टीम जून में इंग्लैंड दौरे पर रवाना होगी, जहां वे 2025-27 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत इंग्लिश टीम के खिलाफ करेंगे। इससे पहले ही कप्तानी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। क्या रोहित इस नई चक्रव्यूह को पार कर पाएंगे? क्या वे कप्तान के रूप में एक और पारी के लिए तैयार हैं या फिर किसी युवा खिलाड़ी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी?
रोहित 30 अप्रैल को 38 साल के हो जाएंगे, और यह उम्र क्रिकेट के उच्चतम स्तर पर निरंतरता बनाए रखने के लिए निर्णायक मानी जाती है। ऐसे में उनके लिए यह जरूरी होगा कि वे सिर्फ अपने फिटनेस और फॉर्म पर नहीं, बल्कि अपने नेतृत्व के प्रति भी ईमानदार रहें।
साफ है कि इंग्लैंड दौरा और आगामी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का पहला पड़ाव रोहित के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा। क्या वे आलोचनाओं का मुंहतोड़ जवाब देंगे या फिर यह भारतीय टेस्ट कप्तानी की बागडोर किसी और को सौंपी जाएगी — यह आने वाला समय ही बताएगा।