जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 25 से अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश हिन्दू तीर्थयात्री थे। देशभर में शोक की लहर है, वहीं इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कड़ी निंदा हो रही है।
हमले की तीव्र प्रतिक्रिया देने वालों में एक नाम पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिन गेंदबाज दानिश कनेरिया का भी है। हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कनेरिया ने इस हमले को एक ‘बर्बरता की हद’ बताया और कहा कि यह सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि एक खास धर्म को निशाना बनाने की सोची-समझी साजिश है।

दानिश ने उठाई आवाज, ‘हिंदुओं को निशाना बनाना बंद हो’
दानिश कनेरिया ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “पहलगाम में एक और बर्बर हमला हुआ है। बांग्लादेश से बंगाल और कश्मीर तक, एक ही मानसिकता हिंदुओं को निशाना बना रही है।” उन्होंने आगे लिखा, “जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं और आतंकियों को ‘उत्पीड़ित अल्पसंख्यक’ मानते हैं, वे असल में अन्याय को बढ़ावा दे रहे हैं।”
Another brutal attack in Pahalgam. From Bangladesh to Bengal to Kashmir, the same mindset targets Hindus. But 'seculars' and judiciary insist the attackers are 'oppressed minorities.' Victims deserve justice. pic.twitter.com/GtA5WpFjIr
— Danish Kaneria (@DanishKaneria61) April 22, 2025
कनेरिया ने उन परिवारों के लिए भी न्याय की मांग की है जिनके अपनों को इस नृशंस हमले में खोना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों को किसी भी तरह से सहानुभूति नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि यह हमारे समाज की न्याय प्रणाली का मजाक बनाता है।
खुद भी झेल चुके हैं भेदभाव
दानिश कनेरिया पाकिस्तान के लिए खेलने वाले गिने-चुने हिंदू खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। अपने क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने कई बार यह बात सार्वजनिक तौर पर कही है कि उन्हें पाकिस्तान टीम के अंदर सिर्फ हिंदू होने की वजह से भेदभाव का सामना करना पड़ा।
उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और टीम के कुछ पूर्व खिलाड़ियों पर अपने करियर को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया है। दानिश कनेरिया ने भारत के समर्थन में अक्सर मुखर होकर बयान दिए हैं और हिंदू समाज के लिए खड़े होने की मिसाल पेश की है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की जरूरत
इस हमले के बाद से देशभर में गुस्सा है और सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं। आम जनता से लेकर नेता और खिलाड़ी तक, सभी इस हमले की निंदा कर रहे हैं। दानिश कनेरिया का यह बयान न सिर्फ साहसिक है, बल्कि इस बात की ओर भी इशारा करता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन इसके पीड़ित अक्सर एक खास समुदाय से होते हैं।
अब समय है कि पूरे देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।